नौ दिनों बाबा का रहेगा उपवास, जानिए क्या फलाहार करेंगे बाबा महाकाल
नौ दिन तक नित नए रूपों में श्रृंगार होगा बाबा का
बाबा महाकालेश्वर शिव नवरात्रि पर्व के दौरान निराहार रहते हैं
उज्जैन। श्री महाकाल मंदिर में गुरुवार से शिव नवरात्रि पर्व की शुरुआत होगी। भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे तथा नौ दिन तक भगवान का नित नए रूपों में श्रृंगार होगा। पूजा अर्चना के विशेष अनुक्रम के चलते भगवान की भोग आरती व संध्या पूजा का समय बदलेगा। शिव नवरात्रि पर्व के नौ दिन मंदिर के पुजारी, पुरोहित उपवास रखेंगे।बाबा महाकालेश्वर शिव नवरात्रि पर्व के दौरान निराहार रहते हैं। वह इस दौरान अपने सबसे प्रिय फल बैर का ही सेवन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान को उनके सबसे अतिप्रिय फल बैर, धतूरा और फलों का रस चढ़ाने से बाबा महाकाल प्रसन्न होते है और भक्तों को कई गुना अधिक फल मिलता है। महाशिवरात्रि के अगले दिन मंदिर समिति द्वारा पारणा कराया जाएगा।
महाकाल मंदिर के पुजारी महेश गुरु ने बताया कि देशभर में सिर्फ उज्जैन के महाकाल मंदिर में मनाई जाने वाली शिव नवरात्रि का पर्व 29 फरवरी से शुरू हो रहा है, जो लगातार 8 मार्च तक चढ़ेगा। इस नौ दिवसीय आयोजन में बाबा महाकाल को संध्या आरती के समय विशेष श्रृंगार कर दूल्हे रूप सजाया जाएगा। पुजारी महेश गुरु ने बताया कि नौ दिवसीय शिव नवरात्रि महोत्सव के दौरान बाबा महाकाल भी निराहार रहते और इस दौरान वह अपने मन पसन्द चीजों का सेवन करते हैं। खासकर उन्हें बैर बहुत प्रिय है इसलिए भगवान शिव को शिव नवरात्रि के दौरान बैर चढ़ाए जाते है। साथ ही उन्हें जल, धतूरा, बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल भी खास प्रिय है, इसलिए उन्हें यह सभी चीजें भी चढ़ाई जाती है। मालूम हो कि नौ दिनों तक भगवान शिव के निराहार रहने पर भक्तजन गन्ने का रस, अंगूर, अनार आदि का रस सहित फल अर्पित करते हैं और शिव नवरात्रि महोत्सव का आनंद उठाते हैं।
मालूम हो कि शिव की आराधना के लिए फाल्गुन कृष्ण पंचमी से त्रयोदशी तक नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। इन नौ दिनों में भगवान महाकाल का दूल्हा रूप में श्रृंगार कर अभिषेक पूजन का विशेष अनुक्रम चलता है।