जानिए इंदौर में तिल चतुर्थी का विशेष महत्व क्यों
खजराना गणेश को लगा सवा लाख लड्डुओं का भोग ,करोड़ों के आभूषणों से हुआ श्रृंगार
इंदौर। इंदौर का विश्व प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है यहां प्रतिवर्ष तिल चतुर्थी के अवसर पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है एवं गणपति जी का विशेष श्रृंगार कर लाखों लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। इस वर्ष भी खजराना गणेश मंदिर में आज तिल चतुर्थी के अवसर पर विशेष पूजन का आयोजन किया गया जिसमें कलेक्टर आशीष सिंह पूजन के लिए सपत्नीक खजराना गणेश मंदिर पहुंचे और यहां आयोजित विशेष पूजन में सम्मिलित हुए पूजन पंडित अशोक भट्ट ने करवाया।
के खजराना गणेश मंदिर की पुनर्स्थापना आज तिल चतुर्थी के दिन देवी अहिल्याबाई होलकर के शासनकाल में की गई थी। तिल चतुर्थी के बारे में खजराना गणेश मंदिर के पुजारी अशोक भट्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि कालांतर में औरंगजेब के भय से मंदिर समिति के लोगों ने गणेश भगवान की मूर्ति को बावड़ी में छुपा दिया था क्योंकि औरंगजेब इस मंदिर को नष्ट करना चाहता था, मूर्तियों को तोड़ना चाहता था। आज के दिन अहिल्याबाई होलकर द्वारा उन मूर्तियों को बावड़ी से निकलकर पुनः प्राण प्रतिष्ठा की गई तब से लेकर आज तक आज के दिन को तिल चतुर्थी के रूप में खजराना गणेश मंदिर में मनाया जाता है ।
पंडित अशोक भट्ट ने बताया कि आज भगवान को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाकर लगभग दो करोड़ के आभूषणों से भगवान का श्रृंगार किया गया है । वहीं श्रद्धालुओं की सुगमता के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं
तिल चतुर्थी के पर्व के अवसर पर खजराना गणेश मंदिर में पूजन के लिए उपस्थित हुए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह और उनकी पत्नी कथा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि खजराना गणेश मंदिर में तील चतुर्थी का विशेष महत्व है आज के दिन जो भी लोग मन्नत मांगते हैं उनकी मन्नत पूरी होती है