महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी एवं हिन्दुस्तानी प्रचार सभा का दो दिवसीय ‘भारतीय भाषा सम्मेलन’ बना यादगार
मुंबई।महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी, मुंबई एवं हिन्दुस्तानी प्रचार सभा, मुंबई के संयुक्त तत्त्वावधान में दो दिवसीय भारतीय भाषा सम्मेलन: भारतीय भाषाओं का अंतर्सम्बन्ध का आयोजन 25 सितम्बर और 26 सितम्बर, को हिन्दुस्तानी प्रचार सभा के चर्नी रोड स्थित सभागार में सम्पन्न हुआ, जिसे हिंदी, उर्दू, गुजराती, मराठी, संस्कृत, उड़िया, तमिल, कन्नड़, कश्मीरी, पंजाबी, बंगाली और सिंधी सहित विभिन्न भाषाओं के दिग्गज विद्वानों ने अपनी समृद्ध वैचारिक अभिव्यक्तियों से यादगार बना दिया।
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र के कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा ने सरस्वती पूजन एवं अपने सुरुचिपूर्ण वक्तव्य के साथ इस महा आयोजन का शुभारम्भ किया। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने आयोजन की प्रस्तावना रखते हुए कहा कि भारतीयता की भावना के संवर्धन हेतु भारतीय भाषाओं के अंतर्संबंधों की चर्चा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी द्वारा स्थापित हिन्दुस्तानी प्रचार सभा का उद्देश्य इससे अलग नहीं है। हिंदुस्तानी प्रचार सभा की विशेष कार्यकारी अधिकारी डॉ रीता कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से सौहार्दपूर्ण भाषाई सम्बंधों का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने विभिन्न गणमान्य अतिथियों और उपस्थित भाषा प्रेमियों के प्रति इस सम्मेलन में सहभागिता के लिए आभार व्यक्त करते हुए उनका हार्दिक स्वागत किया। चार सत्रों में विभाजित इस महत्त्वपूर्ण सम्मेलन के दौरान विभिन्न भाषाओं के दिग्गज विद्वानों श्रीकांत वर्मा, गणेश विसपुते, टी.मुखोपाध्याय, सुरिंदर कौर, श्रीमती मंजू लोढ़ा, संस्कार देसाई, डॉ. संजय सिंह, एम.एस. थॉमस, अभय दोशी, रफ़िया शबनम आबिदी, पारमिता षडंगी, डाॅ. करुणा शंकर उपाध्याय, भुवेन्द्र त्यागी, प्रसाद काथे, जितेन्द्र तिवारी, संतोष कौल और वैशाली त्रिवेदी सहित विभिन्न वक्ताओं ने शिरक़त की। पहले सत्र का संचालन राकेश कुमार त्रिपाठी, दूसरे सत्र का संचालन सुश्री ममता माली, तीसरे सत्र का संचालन गंगा शरण सिंह, चौथे सत्र का संचालन डॉ. अजीत राय एवं समापन सत्र का संचालन राकेश कुमार त्रिपाठी ने किया। इस सम्मेलन में महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्यकारी सदस्य आनंद सिंह,गजानन महतपुरकर, चंद्रकांत भौंजाल और मार्कंडेय त्रिपाठी भी मौजूद थे, जिनका सत्कार हिंदुस्तानी प्रचार सभा की ओर से किया गया।