Ujjainसिंहस्थ 2028

सिंहस्थ के लिए लिए सात पुल और पांच रेलवे ओवर ब्रिज स्वीकृत, 42 हजार पुलिस जवान तैनात रहेंगे सिंहस्थ में

– शाही स्नान वाले दिन 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना
– सिंहस्थ में 42000 पुलिस जवान तैनात रहेंगे
– महाकाल लोक और तपोभूमि पर बनाए जा रहे दो नए थाने
– सिंहस्थ 2028 के स्थाई प्रकृति के कार्य 31 दिसंबर 2027 तक पूर्ण करें
– 07 पुल और 05 रेलवे ओवर ब्रिज स्वीकृत
– 08 पुल और 03 रेलवे ओवर ब्रिज स्वीकृत होना बाकी -आपदा प्रबंधन और अन्य आपदाओं से निपटने के लिए पुख्ता प्लान तैयार हो
-किसी भी घटना से निपटने के लिए अधिकतम रिस्पांस टाइम 15 मिनट होना चाहिए
– शिप्रा नदी के 29 किलोमीटर के घाटों के लिए टेंडर जारी – सिंहस्थ की तैयारी के लिए उच्च स्तरीय बैठक प्रति माह होगी

उज्जैन। अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने उज्जैन के कलेक्टर कार्यालय में सिंहस्थ 2028 की तैयारी के लिए कार्यों की समीक्षा बैठक में उन्होंने अभी तक शुरू किए गए कार्य, प्रस्तावित कार्य और आने वाले समय में होने वाले कार्यों के लिए अलग-अलग विभागों के प्रदेश स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में संभाग आयुक्त संजय गुप्ता, एडीजी उमेश जोगा, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, डीआईजी नवनीत भसीन, एसपी प्रदीप शर्मा एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि स्थाई प्रकृति के सभी कार्यों को अनिवार्य रूप से 31 दिसंबर 2027 के पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो, वर्तमान में जितने भी कार्य संचालित हो रहे हैं या निर्माणाधीन हैं और प्रस्तावित हैं उन सभी के लिए अब प्रति माह बैठक होगी और आगामी समय में इन सब कार्यों में लापरवाही होने पर उनका उत्तरदायित्व भी तय किया जाएगा।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ आपदा प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि शाही स्नान वाले दिनों में आपदा प्रबंधन के लिए अधिकतम रिस्पांस समय 15 मिनट होना चाहिए। इस अवधि में राहत और अन्य आवश्यक कार्य पूर्ण हो सकें, इसके लिए लगातार मॉक ड्रिल करें और कार्य योजना बनाएं, आग लगने की घटनाओं को तत्काल रूप से रोकने के लिए मेला क्षेत्र में पाइपलाइन भी डालें और यह सुनिश्चित करें कि छोटे फायर फाइटर वहां जल्दी पहुंच सकें। इसी के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी अलग-अलग जगह ट्रामा सेंटर बनाकर तत्काल कार्रवाई के करने की योजना अनुसार काम हो।
श्री राजौरा ने बैठक में निर्देश दिए कि सिंहस्थ के अंतर्गत समस्त निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
रेलवे संबंधी कार्यों के समीक्षा करते हुए श्री राजौरा ने कहा कि रेलवे ट्रेन से सबसे अधिक आम जनता आने की संभावना है और इसके लिए रेलवे की सारी व्यवस्थाएं पुख्ता होना चाहिए। वर्तमान में जो भी तैयारियां की जा रही हैं उसे दोगुनी कैपेसिटी के साथ जनता के लिए आवश्यक तैयारियां की जाना चाहिए।
बैठक में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि
पीडब्ल्यूडी के द्वारा अनेक निर्माण कार्य किया जा रहे हैं। इसके लिए भी कार्य तेज गति से जारी है। क्षिप्रा नदी पर बनने वाले पुलों के लिए भी ब्रिज कारपोरेशन के द्वारा टेंडर जारी किए जा रहे हैं। 29 किलोमीटर के घाटों के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।
पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए 42000 से अधिक जवान यहां तैनात रहेंगे। इसके साथ दो नए थाने महाकाल लोक और तपोभूमि पर बनाए जा रहे हैं। इसी के साथ जगह-जगह छोटी-छोटी चौकियां बनाकर कार्य किया जा रहा है।
बैठक में संभाग आयुक्त श्री गुप्ता ने बताया कि उज्जैन की क्षिप्रा नदी के किनारे क्षिप्रा पथ बनाया जाएगा। इंदौर उज्जैन के बीच नया ग्रीन फील्ड कॉरिडोर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा चुका है। शिप्रा नदी पर पुलों के निर्माण के लिए कार्य योजना बना ली गई है। काम की एकरूपता के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को आपस में समन्वय के साथ कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया है।
अपर मुख्य सचिव डॉ.राजौरा ने कहा कि शाही स्नान वाले दिन 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का आना संभावित है, इसको देखकर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों जिससे कि सामान्य दिनों व पर्वो पर भी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें।
बैठक में निर्देश दिए गए कि पार्किंग के लिए यह सुनिश्चित किया जावे के शिप्रा नदी तक आने के लिए आम जनता को ज्यादा नहीं चलना पड़े और वाहनों को भी व्यवस्थित रूप से पार्क किया जा सके।
श्री राजौरा ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं के विस्तार के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। आम आदमी के लिए सिंहस्थ 2028 में आने का प्रमुख साधन रेलवे ही रहेगा। आसपास के स्टेशन का उन्नयन कराया जाए। सैटेलाइट स्टेशन की कार्य योजना भी बनाई जाए। पंवासा, मोहनपुरा, विक्रम नगर सेटेलाईट स्टेशन बनेंगे और लालपुल को फ्लेग स्टेशन बनाया जाने का प्रस्ताव है।
बैठक में सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत उज्जैन शहर में अन्य विभागों के अंतर्गत स्वीकृत/प्रस्तावित पुल एवं आरओबी की जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि क्षिप्रा नदी पर कुल 07 पुल और 05 रेलवे ओवर ब्रिज स्वीकृत हुए हैं। इनमें हरिफाटक, लालपुल, मुल्लापुरा रोड़ पर क्षिप्रा नदी पुल के समानांतर नवीन टू लेन पुल, हरिफाटक से रिंग रोड़, इंदौर रोड़, भैरवगढ़ पर क्षिप्रा नदी पर पूर्व से निर्मित पुल के समानांतर नवीन टू लेन पुल और तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग पर क्षिप्रा नदी पर नवीन टू लेन पुल का निर्माण स्वीकृत हो चुका है। इसी प्रकार हरिफाटक, लालपुल, मुल्लापुरा रोड़ पर पुराने रेलवे संपार क्रमांक 25 एवं क्रमांक 08 रेलवे ओवर ब्रिज के समानांतर आरओबी हरिफाटक, लालपुल, मुल्लापुरा रोड़ पर पुराने संपार क्रमांक 23 पर मौजूदा आरओबी के समानांतर रेलवे ओवर ब्रिज, इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन मार्ग पर शनि मंदिर के पास पुल और क्षिप्रा नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इसके अलावा 08 पुल और 03 आरओबी स्वीकृत होना बाकी है।

Dr. Sanjay Nagar

Author & Co-Founder Takshit News

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