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महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का समारोह कॉमेडी, मैलोडी और हिंदी काव्य के त्रिवेणी संगम से हुआ यादगार

मुंबई। महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई एवं मोहम्मद रफी फैन्स कल्चरल ऑर्गेनाइज़ेशन, नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में नागपुर के साई सभागृह में जरा हँस भी लिया करो शीर्षक से आयोजित समारोह अपनी शानदार प्रस्तुतियों की बदौलत कॉमेडी, मैलोडी और हिंदी काव्य का त्रिवेणी संगम बनकर यादगार हो गया।
अकादमी की उपाध्यक्षा श्रीमती प्रियंका शक्ति ठाकुर के संयोजन में आयोजित इस अनूठे समारोह की अध्यक्षता महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने की। मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के सदस्य जयप्रकाश गुप्ता एवं महानदी कोल फील्ड लिमिटेड के स्वतंत्र निदेशक दयाशंकर तिवारी मौजूद थे, जबकि विशेष अतिथि के रूप में मुंबई से पधारे महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के सदस्य आनंद सिंह, गजानन महतपुरकर एवं डॉ. संजय सिंह ने शिरकत की।अकादमी की परम्परा के अनुरूप दीप प्रज्ज्वलन और राज्य गीत की प्रस्तुति से समारोह का शुभारम्भ हुआ।

सभी अतिथियों का स्वागत- सत्कार समारोह की संयोजिका एवं अकादमी की उपाध्यक्षा श्रीमती प्रियंका शक्ति ठाकुर तथा अकादमी के नागपुर क्षेत्र के सदस्य अजय पाठक, जगदीश थपलियाल और डॉ. विजेन्द्र बत्रा ने किया। अपने स्वागत उद्बोधन में श्रीमती प्रियंका शक्ति ठाकुर ने हिंदी को जन-जन तक पहुॅंचाने के लिये विभिन्न संगोष्ठियों, कवि सम्मेलनों, नाटकों और स्पर्धाओं के माध्यम से हरसम्भव प्रयास सुनिश्चित करने का संकल्प व्यक्त किया। मुख्य अतिथि जयप्रकाश गुप्ता ने नागपुर परिसर में हिंदी के व्यापक प्रसार में जन-भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया तथा केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से प्रतिवर्ष
आयोजित होने वाले खासदार महोत्सव में हिंदी के प्रख्यात कलाकारों एवं कवियों द्वारा अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से किये जाने वाले उल्लेखनीय प्रचार-प्रसार की जानकारी दी। प्रमुख वक्ता दयाशंकर तिवारी ने अपने ज्ञानवर्धक एवं सारगर्भित सम्बोधन में कहा कि भारत में अंग्रेजों के आगमन से पूर्व गुरुकुलों के माध्यम से दी जाने वाली शिक्षा की वजह से देश की साक्षरता दर 97 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि भविष्य में हिन्दी के बिना अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विकास सम्भव नहीं होगा, इसलिए बिल गेट्स जैसे बड़े उद्योगपति द्वारा भारत में हिंदी और संस्कृत भाषा के सम्वर्द्धन हेतु बड़ी मात्रा में अनुदान दिया गया। समारोह के अध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे द्वारा महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की ओर से किये जा रहे विभिन्न रचनात्मक आयोजनों एवं गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन और अतिथियों का परिचय अकादमी के सदस्य डॉ. विजेन्द्र बत्रा ने किया एवं आभार प्रदर्शन अकादमी सदस्य श्री अजय पाठक द्वारा किया गया। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र का प्रारम्भ मशहूर गायक मोहम्मद सलीम और सुश्री गौरी शिंदे के मधुर गीतों से हुआ। मुंबई से पधारे अकादमी के सदस्य आनंद सिंह ने प्रकृति पर आधारित अपनी काव्य रचनाओं और गजानन महतपुरकर ने राजनेताओं के कुर्सी प्रेम पर व्यंग्य करती चुटीली पैरोडी ” ओ कुर्सी रे..! तेरे बिना भी क्या जीना..? ” सुनाकर दर्शकों की वाहवाही बटोरी। तत्पश्चात हास्य कलाकारों देवा वाघमारे, विनोद पुराहित, नागपुर के वरिष्ठ कवि अनिल मालोकर तथा मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन साजिद कुरैशी ने अपनी कॉमेडी से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। इस अवसर पर काका कालेलकर की जीवनी पर अकादमी द्वारा पिछले वर्ष घोषित अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार सुश्री नेहा भंडारकर को अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ शीतला प्रसाद दुबे द्वारा प्रदान किया गया। अंत में आभार प्रदर्शन अकादमी के सदस्य जगदीश थपलियाल द्वारा किया गया। राष्ट्रगीत के साथ समारोह का विधिवत समापन हुआ।

Dr. Sanjay Nagar

Author & Co-Founder Takshit News

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